अब कोई तथाकथित सेकुलर आगे नहीं आएगा मीडिया नहीं दिखाएगी सब दलाल हैं
यह मेरी मानसिक कायरता थी कि मैं टप्पल, अलीगढ़ की #ट्वींकल_शर्मा पर लिखने की हिम्मत नहीं जुटा सका था ! ढाई वर्षीया मासूम ट्वींकल शर्मा के साथ ज़ाहिद खां ने जो किया... उसको लिखते कलम लरजती... कांपती है... शरीर मे रक्तप्रवाह बढ़ जाता है ... आंखे नम हो जाती हैं...
ध्यान रखिए टप्पल और बिसरख में सिर्फ चंद किलोमीटर की दूरी है... ढाई वर्ष की ट्वींकल शर्मा पर रोने वाला कोई नहीं !.... बिसरख में अखलाख की हत्या पर सैकड़ों लोग... नेता बिसरख में जुट गए थे !... मुआवजे में कई फ्लैट मिले... नौकरियां मिली... नकद करोड़ों मिले... ट्वींकल के घर वाले लापता ट्वींकल की तलाश में 30 घण्टे प्रशासन के सामने माथा रगडते रहे.. जवाब मिला था.. "खुद ही ढूंढ लो "....
कुछ माह पूर्व जब ज़ाहिद के पिता बीमार हुए तो ट्वींकल के पिता/दादा बनवारी लाल ने ज़ाहिद को रु 50000 इलाज हेतु सहायता दी थी ! ज़ाहिद ने जल्द ही लौटा देने का वायदा किया... अनेक बार तकादा करने के बाद ज़ाहिद ने सिर्फ 40000 रु वापस किये... लेकिन 10000 रु वापस करने में आनाकानी शुरू कर दी ! बनवारी लाल शर्मा तकादा करते रहे !... रमज़ान का महीना होने का बहाना बनाया गया... बनवारी लाल भी निम्न मध्यम श्रेणी के व्यक्ति है सो उन्होंने अपना धन छोड़ने से इनकार कर दिया ! ज़ाहिद से कहा-सुनी हुई....
सुबह नौ बजे ढाई वर्षीय ट्वींकल शर्मा घर के सामने से गायब हो गई... बनवारी लाल ने प्रशासन के सामने ज़ाहिद के ऊपर शक भी ज़ाहिर किया... परंतु ज़ाहिद से सामान्य पूंछतांछ तक नहीं की गई !... तीस घंटे बाद टप्पल में ही एक कूड़े के ढेर में ट्वींकल शर्मा का शव मिला... कलेजा थाम लीजिए... ट्वींकल का बायां हाथ तोड़कर अलग कर दिया गया था,एक पैर मुड़ा हुआ था... ट्वींकल की दोनो आंखे निकाल ली गईं थी ! ट्वींकल के शरीर को तेज़ाब से जलाकर नष्ट करने या न पहचानने योग्य बनाने की कोशिश की गई थी ! ढाई वर्षीय ट्वींकल के साथ बलात्कार भी हुआ था !.... जिसने ट्वींकल के मृत शरीर को देखा ... सुध-बुध खो बैठा !!
अंततः केस दर्ज हुआ... पुलिस खोजी कुत्तों को लेकर आयी... कुत्तों ने ट्वींकल के शरीर को सूंघा और ज़ाहिद के घर की ओर दौड़ पड़े... प्रारंभिक न-नुकुर के बाद रोज़ा रखे.... ज़ाहिद ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया ! यह सामान्य हत्या नहीं थी... ट्वींकल के ऊपर जो कुछ हुआ साफ दर्शाता है कि ज़ाहिद एक धर्म विशेष के प्रति घ्रणा से ग्रसित था... वरना मुसीबत के समय रु 50000/- की मदद करने वाले बनवारी शर्मा की बेटी ट्वींकल को ऐसी घिनौनी मौत न देता... ज़ाहिद !
पोस्टमार्टम से ही यह पता चला कि ढाई वर्षीय ट्वींकल के ऊपर बर्बर बलात्कार भी हुआ था... लेकिन यह निष्कर्ष प्राप्त नहीं हुआ कि ज़ाहिद ने ट्वींकल के जिंदा रहते बलात्कार किया था या हत्या के बाद....
ऐसा तो पाकिस्तान और बांग्लादेश में नहीं होता है !... सोशल मीडिया में हाहाकार के बाद एक आध मीडिया हाउस ने बमुश्किल इस खबर को चलाया ! यही मीडिया अखलाख औऱ आसिफा को महीनों खींचता रहा था !
रोते रहिए... ज़ाहिद सरसब्ज़ होते रहेंगे !... ट्वींकल.... तेरी आत्मा को शांति के लिए प्रार्थना के हकदार भी नहीं हैं... हम !!
Pawan saxena जी की पोस्ट.!