स्त्री की चाहत क्या है ?
मनोविज्ञान भी जिस प्रश्न का उत्तर नहीं दे सका, वो यह था कि आखिर स्त्री चाहती क्या है ?
पुराने समय की बात है जो आज भी लागू होती है। एक विद्वान् को फाँसी लगनी थी। राजा ने कहा---जान बख्श देंगे यदि सही उत्तर मिल जाये आखिर स्त्री चाहती क्या है ?
विद्वान् ने कहा----यदि कुछ समय मिले तो पता करके बता सकता हूँ। एक साल का समय चाहिए, राजा ने समय दे दिया। वह बहुत घूमा कहीं से भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। आखिर में किसी ने कहा----यहाँ से दूर एक चुड़ैल रहती है वही बता सकती है। वह विद्वान् उस चुड़ैल के पास गया और अपनी समस्या उसके सामने प्रस्तुत की। उस चुड़ैल ने कहा---कि मैं इस पण (शर्त) पर बताऊँगी यदि तुम मुझसे विवाह करो। उसने सोचा जान बचाने के लिए विवाह करना उचित होगा उस विद्वान् पुरुष ने विवाह की सहमति दे दी।
विवाह होने के बाद चुड़ैल ने कहा----तुमने मेरी बात मान ली है, तो मैंने तुम्हें खुश करने के लिए फैसला किया है कि मैं 12 घण्टे में चुड़ैल और 12 घण्टे खूबसूरत परी बनके रहूँगी, अब तुम ये बताओ कि दिन में चुड़ैल रहूँ या रात को।
उसने सोचा यदि वह दिन में चुड़ैल हुई तो दिन नहीं कटेगा, रात में हुई तो रात नहीं कटेगी।
अंत में उस विद्वान् कैदी ने कहा----जब तुम्हारा मन करे परी बन जाना, जब मन करे चुड़ैल बनना।
ये बात सुनकर चुड़ैल ने प्रसन्न होके कहा----तुमने मुझे स्वतन्त्र रहने की छूट देदी है, तो मैं हमेशा ही परी बन के रहा करूँगी।
यही तुम्हारे प्रश्न का उत्तर है।
स्त्री अपनी स्वतन्त्रता में रहना चाहती है।
यदि स्त्री को अपनी इच्छा से रहने देंगे तो, वो परी बनी रहेगी वरना चुड़ैल
फैसला आपका खुशी आपकी
स्त्रियों को उनके मन की इच्छा पूरी करने दें।यह उत्तर उस विद्वान् ने जब राजा को उसके दरबार में सुनाया तब राजा ने उचित समझकर उसे फाँसी की सजा से मुक्त कर दिया।
मनोविज्ञान भी जिस प्रश्न का उत्तर नहीं दे सका, वो यह था कि आखिर स्त्री चाहती क्या है ?
पुराने समय की बात है जो आज भी लागू होती है। एक विद्वान् को फाँसी लगनी थी। राजा ने कहा---जान बख्श देंगे यदि सही उत्तर मिल जाये आखिर स्त्री चाहती क्या है ?
विद्वान् ने कहा----यदि कुछ समय मिले तो पता करके बता सकता हूँ। एक साल का समय चाहिए, राजा ने समय दे दिया। वह बहुत घूमा कहीं से भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। आखिर में किसी ने कहा----यहाँ से दूर एक चुड़ैल रहती है वही बता सकती है। वह विद्वान् उस चुड़ैल के पास गया और अपनी समस्या उसके सामने प्रस्तुत की। उस चुड़ैल ने कहा---कि मैं इस पण (शर्त) पर बताऊँगी यदि तुम मुझसे विवाह करो। उसने सोचा जान बचाने के लिए विवाह करना उचित होगा उस विद्वान् पुरुष ने विवाह की सहमति दे दी।
विवाह होने के बाद चुड़ैल ने कहा----तुमने मेरी बात मान ली है, तो मैंने तुम्हें खुश करने के लिए फैसला किया है कि मैं 12 घण्टे में चुड़ैल और 12 घण्टे खूबसूरत परी बनके रहूँगी, अब तुम ये बताओ कि दिन में चुड़ैल रहूँ या रात को।
उसने सोचा यदि वह दिन में चुड़ैल हुई तो दिन नहीं कटेगा, रात में हुई तो रात नहीं कटेगी।
अंत में उस विद्वान् कैदी ने कहा----जब तुम्हारा मन करे परी बन जाना, जब मन करे चुड़ैल बनना।
ये बात सुनकर चुड़ैल ने प्रसन्न होके कहा----तुमने मुझे स्वतन्त्र रहने की छूट देदी है, तो मैं हमेशा ही परी बन के रहा करूँगी।
यही तुम्हारे प्रश्न का उत्तर है।
स्त्री अपनी स्वतन्त्रता में रहना चाहती है।
यदि स्त्री को अपनी इच्छा से रहने देंगे तो, वो परी बनी रहेगी वरना चुड़ैल
फैसला आपका खुशी आपकी
स्त्रियों को उनके मन की इच्छा पूरी करने दें।यह उत्तर उस विद्वान् ने जब राजा को उसके दरबार में सुनाया तब राजा ने उचित समझकर उसे फाँसी की सजा से मुक्त कर दिया।
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